नरेंद्र मोदी जी ने प्रधान मंत्री बनने के बाद ना जाने देश के भविष्य के लिए कितनी सारी योजना का आवाहन किया, और अधिक से अधिक कार्यक्रम को प्रकृति के सत्तर पर लाए। जिनमे से एक कार्यक्रम है, मन की बात जिसमे सामिल होना मोदीजी कभी नही भूलते। आज उसी कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरे हो गए है।

यह कार्यक्रम हर महीने के अंतिम रविवार को हमारे टीवी, रेडियो पर प्रसारित होता है, और इसके विषय इतने चर्चित होते है, की इस कार्यक्रम को न ही केवल बड़े, बल्कि छोटे भी खूब पसंद करते है। इस बार जनता ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के 100 एपिसोड को यादगार बनाने के लिए देश में जगह-जगह इसकी लाइव स्क्रीनिंग का आयोजन किया है। और करोड़ों लोगों ने इसे लाइव सुना भी है।
इससे केवल आम आदमी ही नही बल्कि मंत्री भी सुनना पसंद करते है। आज ही सिंधिया ने बोला की राजनीति से हटकर सामाजिक मुद्दों पर भी बात होती है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड को सुना, और कहा कि ये परिचर्चा, मन की भावनाएं, राजनीति से हटकर सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित रही हैं। जिसके माध्यम से केवल एक संवाद नहीं बल्कि इसके जरिए पूरे देश के लोगों की विचारधारा में फर्क आयेगा और ऐसी कहानियां जो इतिहास के पल में लुप्त हो जाती हैं, उन्हें उजागर भी किया जाता है।
इस कार्यक्रम के दीवाने केवल इंडिया में ही नही बल्की लंदन जैसे देश में भी है।
ब्रिटेन में मौजूद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इंडिया हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां एपिसोड सुना, और अपने आप को ऐसे देशवासी होने पर कर्व दिखाया।
मन की बात में हुई पर्यावरण पर भी चर्चा
पीएम मोदी ने कहा कि मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेश में टूर जाने से पहले अपने देश के टूरिज्म प्लेसों पर जाना चाहिए। ऐसे ही हमने स्वच्छ सियाचिन, सिंगल यूज प्लास्टिक और ई-वेस्ट पर भी बात की है। आज दुनिया जिस पर्यावरण को लेकर इतनी परेशान है, उसे लेकर मन की बात का प्रयास भी जारी है। मुझे यूनेस्को की डीजी का बयान भी आया है। उन्होंने मन की बात के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है और एक संदेश भी भेजा है। इसके जरिए उन्होंने बताया की देश के लोग अगर हमारे देश की साफ सफाई में योगदान देते है, तो हमारे देश को विदेशी आभूषण से लतपथ पाएंगे।
मन की बात’ का 100 एपिसोड शुरू
100 एपिसोड पूरे होने का सारा योगदान मोदी जी ने अपने श्रोता को दिया हैं। मन की बात कोटि-कोटि भारतीयों के मन की बात है। उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। 3 अक्टूबर 2014 को विजयदास्मी के शुभ अवसर पर इस कार्यक्रम की शुरुवात हुई थी। और तब से लेकर अब तक विभिन्न जगह के लोगो के अंदर सकारात्मक सोच पैदा हो चुकी है।