हिंदी सिनेमा के दिग्गज तथा सर्वश्रेष्ठ कलाकार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) – आज के दिन जन्म लिए थे। बॉलीवुड (Bollywood) को अपने नाम से चलाने वाले राजेश खन्ना की फैन फॉलोइंग (fan following) काफी तगड़ी थी। एक काल ऐसा था जब हर दूसरी फिल्म में खन्ना दिखाई देते थे। आज 29 दिसंबर – उनके जन्मदिन के दिन उनको याद करते हुए आइये जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें।

परिचय
सुपरस्टार राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर, वर्ष 1942 को अमृतसर (Amritsar) में वर्तमान पंजाब राज्य में हुआ था। उन्होंने सेंट सेबेस्टियन गोअन हाई स्कूल (St. Sebastian’s Goan High School) में पढ़ाई की। खन्ना ने धीरे-धीरे रंगमंच में रुचि लेना शुरू किया, अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में कई मंच और थिएटर नाटक किए, और अंतर-कॉलेज नाटक प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार जीते। और जन्म हुआ एक महान कलाकार का!
हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार थे राजेश
आपको ये जानकर बहुत अचम्भा होगा कि, राजेश खन्ना ‘हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार’ के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने लगातार (back-to-back) 1969 और 1971 के बीच 15 सोलो हीरो सफल फिल्में देने का रिकॉर्ड बनाया है। उनकी हर फिल्म हमेशा लोगों के दिलों में जा बस्ती थी और इसी तरह वे दिग्गज के रूप में उभरे।
उच्चतम वेतन पाने वाला अभिनेता थे राजेश
राजेश अपने काल में; जब सफलता उनके चरम पर थी; तब वे बॉलीवुड के सबसे अधिक वेतन पानेवाले अभिनेता थे। 1970s और 1980s के दशकों में हिंदी सिनेमा में सबसे उच्चतम वेतन पाते थे। हर जगह उनका ही बोलबाला था।
हासिल किये अनगिनत पुरस्कार
वैसे तो राजेश खन्ना ने लोगों के दिल जीते हैं, परंतु दिलों के साथ अनगिनत अवार्ड और पुरस्कार भी जीते हैं। उनमे से कुछ है – चार BFJA पुरस्कार और पांच फिल्मफेयर (Filmfare) पुरस्कार शामिल हैं, और 2013 में, उन्हें मरणोपरांत भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित किया गया था। 2005 में, फिल्मफेयर अवार्ड्स की 50वीं वर्षगांठ पर उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
पहली फिल्म ने ही कर दी थी ऑस्कर में एंट्री!
आपको जानकार बहुत हैरानी होगी कि राजेश खन्ना की पहली डेब्यू फिल्म ‘आखरी खत’ ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई थी। आपको बता दें कि, यह वर्ष 1967 में भारत की पहली आधिकारिक ऑस्कर एंट्री थी।
राजनीती में आजमाया हाथ
वे 1992 और 1996 के बीच नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से 10 वीं लोकसभा में संसद सदस्य थे। और 1992 में नई दिल्ली उपचुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुने गए।

मृत्यु के बाद भी छोड़ा अपना छाप
राजेश खन्ना की मृत्यु 18 जुलाई, 2012 में बिमारी के वजह से हुई थी। 2014 में, उनकी बायोग्राफी ‘राजेश खन्ना: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ इंडियाज फर्स्ट सुपरस्टार’ यासर उस्मान (Yasser Usmaan) द्वारा पेंगुइन बुक्स (Penguin Books) द्वारा प्रकाशित की गई थी। 2022 में, नारायणन सुब्रमण्यम द्वारा लिखित उनकी बायोग्राफी “राजेश खन्ना द मोस्ट वर्सटाइल सुपरस्टार ऑफ़ हिंदी सिनेमा” जारी की गई थी। 2018 में, लाजपत नगर नेशनल पार्क में एक किलोमीटर फिटनेस ट्रेल का नाम खन्ना के नाम पर रखा गया था, जिसका उद्घाटन उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadiya) ने किया था।